How Many Types Of Yoga In Hindi – 2024 मैं योग के कितने प्रकार के है जानिए हिंदी में.

INTRODUCTION-   हेल्लो दोस्तों मैं इस ब्लॉग मैं बताऊंगा की आखिर योग क्या है और कितने प्रकार के होते है  (Types Of Yoga In Hindi) और उससे जुड़े सभी बाते उसका महत्वा क्यू है, आजकल के इस भागदौड जिंदगी मैं हम अपने शारीर का ख्याल रखना भूल ही जाते है, तो आज मैं इसके बारे मैं यहाँ पर बताने जा रहा हु ,पहले योग के बारे मैं कुछ याद रखने  वाली बाते, योग को संस्कृत word  युग से लाया गया है. इसका मतलब होता है जोड़ना , मतलब हम हमारे आत्मा को परमात्मा को किस तरह जोड़ सकते है , मिलन होता है  ,इसी को कहते है योग , योग होता है एक ऐसा ग्रुप जो शारीरिक ,मानशिक और आत्मा को इस तरह जोड़ देता है , जो की सिर्फ एक आभ्यास से ही होता है, योग एक दरसन है जो मनुष्य को अपनी लाइफ मैं सफलता प्राप्त करने का रास्ता दिखता है,

Types Of Yoga In Hindi
हेल्लो दोस्तों मैं इस ब्लॉग मैं बताऊंगा की आखिर योग क्या है और कितने प्रकार के होते है  (Types Of Yoga In Hindi) और उससे जुड़े सभी बाते उसका महत्वा क्यू है

     1.  History of yoga (Yoga ka Itihas):-

 योग का आरम्भ लगभग  150,000  बर्ष पूर्व पहले हुआ था . काहा जाता है हिमालय मैं  एक योगी पहुचे ,उनका भुत,बर्तमान कुछ पता नहीं था , वह एक ही जगह मैं बैठ कर तपस्या करने लगे , उनका  चेहरे मैं बहुत तेज था. जिसे देखने के लिए लोगो की भीड़ इकठा होने लगे. सब लोग उनको पुकारते थे लेकिन वह कुछ उत्तर नहीं देते थे , वह महीनो तक ऐसे ही बैठे रहते थे. बिना कुछ खाए पिए, यहाँ सब देख कर इन्हें किसी चमत्कार से कम नहीं मानते थे , लोगो को लगता था योगी सायद मर चुके है   लेकिन बिच बिच मैं उनके आँखों से आंसू निकलते जिसे देख कर लोगो को लगता कि वह जिन्दा है.    सब आश्चर्य थे की वह इतने दिनों से कुछ न खा या पि कर इतने दिनों से ध्यान मैं कैसे  जिन्दा रह रहे है. उस समय वह से सब लोग जाने लगे  लेकिन वह पर सात लोग रह गए. उनको मालूम चल गया था की योगी निरंतर एक ही अवस्था मैं बैठे है. मतलब योगी इस संसार भोतिकता से परे है. वरना ये संभव ही नहीं है

बाद मैं यहाँ सात लोगो को सप्त ऋषि कहा गया है. और यहाँ सप्त ऋषि आगे चलकर उस योगी का पहला सिष्य बने. बाद मैं ऋषि ने उन सात लोगो की रूचि देख कर योगी ने उन्हें सिक्षा देना सुरु कर दिया. जो की  अनेक बर्ष तक चली. जब एक दिन सूर्य की दिशा प्रवर्तित हुई जब सूर्य दाक्षिण दिशा की और मुडा तब वह भी मनुष्य बनकर उनका बिज्ञान सम्जहने लगे यहाँ वह तिथि थी जो प्रति बर्ष 21 जून को आती थी. इस्सी दिन योग का आरम्भ हुआ. इसी दिन को आज अंतररास्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया और वह सात ऋषि विश्व के सभी जगह जाकर प्रचार और योग सिखाने लगे.

2. योग क्या होता है ? और कितने प्रकार का होता है ? (Types Of Yoga In Hindi )

Ans:- योग को ब्यायाम के नाम से भी जाना जाता है. योग से हम हमारे सभी अंग का प्रयोग करके परमात्मा के साथ जुड़ जाते है, योग वह क्रिया है जिससे करने से  मन और शारीर संतुलित रहता है इस पक्रिया को योग कहते है. वैसे तो देखा जाये तो योग बहुत प्रकार  है

, लेकिन मुख्यतह ये 4 प्रकार के है Types Of Yoga In Hindi

  • ज्ञान योग – ज्ञान योग का अर्थ होता है स्वयं का ज्ञान मनुष्य स्वयं ही अपने ज्ञान से इश्वर के तरफ ही बढ़ता है. यहाँ योग के अभ्यास से जो लोगो का मन अस्थिर होता है. ज्यादा मन मैं सोच बिचार करते है. उन्हें प्रतिदिन इसके अभ्यास से ध्यान को एकत्रित करते है. ज्ञान योग से ब्यक्ति खुद के अन्दर के व्यवहार को समझने मैं और जीवन बेहतर बनाने  मैं मदद करता  है.
  • कर्म योग :- कर्म योग इसका अर्थ होता क्रिया होता है.इसको इस तरह से समझ सकते है की जो ब्यक्ति जैसा काम करेगा आने वाले दिन मैं भी उनको वही परिणाम मिलेगा. भगवन भी मनुष्य को  उनको कार्यो के द्वारा ही जाना  जाता है.
  • भक्ति योग :- भक्ति योग का अर्थ होता है भगवन के प्रति लीन होकर उनसे मिलन होना. इससे भक्ति योग कहा जाता है. जो ब्यक्ति प्रतिदिन भक्ति योग का अभ्यास करता है उससे भक्ति योगी भी कहना उचित है. भक्ति योग से आत्मा परमात्मा के साथ जुड़ जाता है.
  • राज योग :- कर्म योग की अंतिम अवस्था को राज योग कहा जाता  है. इस योग को सभी योग का राजा  कहा जाता है. क्युकी इस योग मैं  सभी योग का कुछ न कुछ सामग्री अवास्थ्ब मिला हुआ होता है. राज योग खुद अपने आप को पहचाने का एक यात्रा है,

people also read this – https://hindifit.com/diet-chart-for-weight-loss-in-hindi/

3.योग का महत्वा :-

योग होता है मनुष्य/मानव का तन मन और आत्मा के बिच का मिलन या सतुलित करता है. यदि हम योग को हमरे daily routine मैं लेंगे तब योग हमारे सरीर मंश्पेसिया को व्यायाम देने मैं लग जाता है . यहाँ एक अभ्यास है जो मोटापा को दूर /स्ट्रेस से रहत देता है. उर एक अच्छी नींद देता है. जो हमारे भूक और पचन को भी नियंत्रित करता है.  योग की उत्पति बहुत पहले प्राचीन काल मैं हुई थी. इसमें मानव के अन्दर के आत्यामधिक के साथ शारीरिक और मानसिक लाभ मैं बहुत महत्वपूर्ण कार्य किया गया है. योग का महत्वा समग्रा या सभी कल्याण को बढ़ावा देने मैं  इसका छमता होता है. योग का महत्वा मैं यहाँ कुछ प्रमुख बिंदु की यहाँ एक सूची है.

  • शारीरिक स्वस्थ :- यहाँ योग इस प्रकार से किया जाता है. जो सरीर के सभी मुद्राओ और गतिबिधि को एक सामान रूप मैं सामिल करता है. जो सरीर मैं लचीलापन शाक्ति और संतुलन को समय के साथ बढ़ता है . और साथ ही शारीरिक फिटनेस को भी बढ़ता है.
  • मानशिक कार्य :- योग के कार्य मैं मानशिक कार्य का भी एक बड़ा योगदान है. इसका निम्न अभ्यास से तनाव से राहत, अच्छी नींद और बेहतर एकाग्रता मैं संतुलित से राहत देता है.  आप जो मन मैं चिंता रखत ही वह भी दूर करता है.
  • रोग का रोकथाम :- अगर हम योग को हर रोज नियमित रूप से अभ्यास करेंगे तब यहाँ सरीर मैं होने वाला जितने भी छोटे मोटे रोग होने से बचाता है. यहाँ एक स्वस्थ जीवन सैली जीने मैं समर्थन करता है. साथ ही वजन घटने मैं भी यहाँ एक मुख्या कार्य करता है.
  • आध्यात्मिक संबंधन :- आध्यात्मिक मतलब मन के अन्दर होने वाला भावना कितने लोगो के लिए यहाँ एक  आध्यात्मिक यात्रा के जैसा है. जो स्वयं ही हमें आस पास के लोगो से जोड़ता है.यहाँ आत्मा प्रतिबिं और मनन के भावना को प्रोक्साहित करता है.
  • सांस नियंत्रण (प्राणायाम) :- योग सांस को किस तरह से लेना है यहाँ सिखाता है. जो सांस से स्वस्थ पर सकारत्मक प्रभाव डालता है. इस  सांस लेने के अभ्यास से सरीर के अन्दर होने वाला अंग जैसे फेफड़े को सुधर करने मैं ऑक्सीजन को  IN/OUT करने मैं भी मदद करता है.

शारीर के विकास हेतु आती महत्वपूर्ण है, योग 9 प्रकार का होता है, यहाँ कुछ इस तरह से है .

  1. ज्ञान योग
  2. भक्ति योग
  3. कर्मा योग
  4. हठ योग
  5. लय योग
  6. मंत्र योग
  7. यंत्र योग
  8. तंत्र योग
  9. राज योग / आष्टाअंग योग

4.योग मैं ध्यान देने का तरीका :-

  • योग को हमेशा सुबह एक ही टाइम मैं एक ही जगह से अच्छे से करना चाहिए. क्युकी इससे आपके घ्यान की गुणात्मक मैं सुधर आ सकता है,
  • ध्यान लगते वक़्त हमेशा आपने मनन मैं गायित्री मंत्र का जाब करे जिससे ध्यान हमेशा एक ही जगह पर ही रहेगा.
  • ध्यान करते वक़्त हमेसा एक ही बिधि चुने जिससे आप ज से कर सके लेकिन शारीर को इतना भी आराम न दे नींद आ जाये, उसके लिए सिर और कमर को सीधा रखे.

5.योग के लाभ :-

वैसे तो  योग करने के बहुत सारे फायदे है,लेकिन यहाँ कुछ मुख्यतः है

  • वजन कम करने मैं – योग करने से शारीर मैं साँस प्रसस्वास अच्छा होता है. योग के बहित सारे ऐसे ऐसे आसान है, जो की सरीर के मंसपेसिया को मजबूत और शारीर को संतुलित रखता है. fat कम करने मैं भी समर्थ है.
  • सभी बीमारी से राहत- योग के प्रतिदिन अभ्यास से आप हमेशा सभी प्रकार के बीमारी से निरोग रहेंगे इसके अभ्यास से शारीर मैं immunity system को बढ़ता है. शारीर मैं होने वाले छोटे मोटे बीमारी से रहत देता है.
  • पढाई मैं ध्यान लगेगा – अगर योग को एक ध्यान मुद्रा मैं किया झाए तो आपका मनन स्थिर रहेगा, जिससे आपको पढने मैं ध्यान और मन लगेगा.

6.योग की मुद्रा करने का तरीका ;-

  • पृथ्वी मुद्रा – यहाँ मुद्रा करने से आपके शारीर मैं उर्जा होती है, जिससे कमजोरी भी नहीं होती है. यहाँ मुद्रा को करने केलिए आपके तीसरी ऊँगली को अपने अंगूठे मैं मिलन किया जाता है, और आपका कार्य छमता बढ़ जाता है.
  • सूर्य मुद्रा – यहाँ मुद्रा को सूर्य का स्रोत भी कहा जाता है. यहाँ योग सुबह सुबह करने से इसका लाभ होता है. यहाँ योग करने के लिए अनामिक ऊँगली को आपने अंगूठे को दबाये और तीनो ऊँगली सीधी रखे.
  • वायु मुद्रा – यहाँ मुद्रा को शारीर मैं होने वाले वायु तत्वा को हम किस तरह से संतुलित करना है यहाँ सिखलाता है, यहाँ करने के लिए अंगूठे से अपने तर्जनी ऊँगली को दबाना चाहिये.और बाकि तिन ऊँगली को सीधा रखना चाहिये.
  • वरुण मुद्रा – यहाँ मुद्रा को करने से कब्ज जैसे पेट की समस्या से राहत देता है , यहाँ मुइद्र करने के लिए अपने अंगूठे से अपने छोटी वाली ऊँगली को मिलन करते है , बाकि ऊँगली को सीधा उपर की और रखा जाता है.
  • प्राण मुद्रा – यहाँ मुद्रा आप कही भी कर सकते है,इसको करने से आपके उम्र मैं अवधी होते है. यहाँ मुद्रा करने के लिए अंगूठे को उसके साथ लगे ऊँगली से साथ जोड़ना चाहिए.

7.Conclusion (निष्कर्ष):-

यहाँ कुछ योग के बारे मैं Types Of Yoga In Hindi बताया गया है .योग बहुत पुरानी है जिसका वर्णन हमारे पूर्व की सभी किताब ग्रन्थ मैं है जिससे जितना खोजो उतना ही गहरा है. मैंने बस कुछ प्रयास किया है. यु तो योग के बारे बहुत सारे बाते है जिसे एक ही ब्लॉग मैं लिखना मुंकिन नहीं है.फिर भी जितना हो साके मैंने इसमें डिटेल से लिखा है , यदि आप लोगो को अच्छा लगे तो प्लीज अपना कमेंट या सजेसन दीजिये.

8.FAQ (Frequently Asked Question):-

Q.1 > योग की खोज किसने की थी?

उत्तर – योग की सुरुवात हजारो साल पहले लगभग २०० BC – २०० CE मैं हुई थी .इसकी खोज महर्षि पतंजलि ने किया था .

Q.2 > योग कितना मिनट करना चाहिए?

उत्तर –योग को हमेशा ध्यान लगाकर 30 मिनट का अभ्यास भी बहुत होता है, जिससे तन मन एक हो जता है.

Q.2 > योग कितने प्रकार के है? Types Of Yoga In Hindi ?

उत्तर – योग 4 प्रकार के है .

 

 

Leave a Comment